Siddhnath Aashram (सिद्धनाथ आश्रम) | श्रीराम और अगस्त मुनि का मिलन स्थल मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में स्थित सिद्धनाथ आश्रम वह स्थान है. जहां वनवास पर निकले प्रभु श्रीराम की मुलाकात अगस्त्य मुनि से हुई थी. इस आश्रम में राम ने लंबा समय बिताया था. इस आश्रम में आज भी भगवान राम से जुड़ी कई निशानियां मौजूद है.
भव्य और अनूठे मन्दिरों के लिए प्रसिद्ध पन्ना जिले में हर तरफ इतिहास विखरा पड़ा है। प्राकृतिक मनोरम स्थलों की तो यहां पूरी श्रंखला है फिर भी इस इलाके में सैलानी नजर नहीं आते। पर्यटन विकास की अनगिनत खूबियों के बावजूद इस क्षेत्र को विकसित नहीं किया गया। यदि इस अंचल की धरोहरों को सहेजकर उन्हें पर्यटन के नक्शे पर लाया जाय तो यहां रोजगार के नये अवसर सृजित हो सकते हैं। सैलानियों को आकर्षित करने के लिए यहां पर छठवीं शताब्दी से लेकर ग्यारहवीं शताब्दी तक के अनूठे मन्दिर मौजूद हैं। इन मन्दिरों की स्थापत्य कला देखते ही बनती है। पन्ना जिले का सिद्धनाथ मन्दिर उनमें से एक है जिसकी शिल्पकला किसी भी मायने में खजुराहो से कम नहीं है.
उल्लेखनीय है कि जिला मुख्यालय पन्ना से लगभग 60 किमी. दूर स्थित यह अनूठा स्थल अगस्त मुनि आश्रम के नाम से विख्यात है. इस पूरे परिक्षेत्र में प्राचीन मन्दिरों व दुर्लभ प्रतिमाओं के अवशेष जहां - तहां बिखरे पड़े हैं, जिन्हें संरक्षित करने के लिए आज तक कोई पहल नहीं हुई. पन्ना जिले के सिद्धनाथ मन्दिर की शिल्प कला देखने योग्य है, ऊंची पहाडिय़ों से घिरे गुडने नदी के किनारे स्थित इस स्थान पर कभी मन्दिरों की पूरी श्रंखला रही होगी. मन्दिरों के दूर - दूर तक बिखरे पड़े अवशेष तथा बेजोड़ नक्कासी से अलंकृत शिलायें, यहां हर तरफ दिखाई देती है. जिससे प्रतीत होता है कि यहां कभी विशाल मन्दिर रहे होंगे. मौजूदा समय उस काल का यहां पर सिर्फ एक मन्दिर मौजूद है जिसे सिद्धनाथ मन्दिर के नाम से जाना जाता है. पुराविदों का कहना है कि सलेहा के आसपास लगभग 15 किमी. के दायरे वाला क्षेत्र पुरातात्विक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है. इसी क्षेत्र में नचने नामक स्थान भी है यहां पर गुप्त कालीन मन्दिर है.