Diamond Mines:- India's largest diamond mine is present in Panna. Which is a large group of diamonds, on a branch of the Vindhachal mountain range, up to 240 km in the north-east. The only organized product of diamond in India is from the Mazagon mine located in Panna. India used to be the only source of diamonds for more than 3000 years. Then there were no diamond deposits in Brazil and South Africa. Excavations are going on continuously since the 17th century from the mines located in Panna. The mining of diamonds is done by the National Mineral Development Corporation.
Only Madhya Pradesh state of India has 90.18% diamond reserves. All diamonds are produced from the state of Madhya Pradesh, India. India was the only place to get high quality diamonds for all the countries of the world. According to experts, there is a huge storage belt of diamonds from the Vindhachal mountain range of Madhya Pradesh from Panna district to Satna district. Mazagon diamond mine is located 20 km south of Panna district and 63 km away from Khajuraho.
This place is present near the Hinauta entrance of Panna Tiger Reserve. Hero's excavation work is already being done here before the construction of Panna Tiger Reserve. Hero's excavation is done by National Mineral Development Corporation (NMDC). NMDC's diamond mine is the only mechanized diamond mine in the country. According to the National Mineral Development Corporation, the annual capacity of Mazgaon mine located in Panna is up to 84,000 carats. According to NMDC, a total of 10,05,064 carats of diamonds have been extracted from this mine so far.
Digging 100 tonnes of clay in Mazagon mine yields a 10-carat diamond. Some private companies are also digging in the diamond mines of Panna district. In diamond mining, government companies remove diamonds from the machine in the kimberlite pipe (strip) by a big machine. Extracted by National Mineral Development Corporation based in Mazagon. The most valuable diamond was worth Rs 1 crore or more. Along with diamonds, stone and fire clay are also found in large quantities in Panna district.
Private company present in Panna district is mostly dependent on labor for diamond mining. Whereas heavy and better technology machines are available in government mining companies. NMDC also leases out these mines to private companies with 700 plots of (8*8) ft. About 6000 to 7000 people work in these small mines. Most diamond mines were in the 1860s. It was found up to Sakaria, about 32 kilometers (20 mil ) from Panna.
There are four types of diamonds coming out of the emerald mine.
Big pits are dug to excavate these heroes. Whose diameter is about 25 feet and the depth of 30 feet. For the mining of diamonds, any private company or other person or farmer takes land on lease and digs
The diamond extracted by him is deposited by the District Magistrate of Panna. Then these diamonds are auctioned. These heroes are charged a fair price. More than 100 diamonds of various carats and colors are made into sapphires.it.
पन्ना हीरा का खदान :- पन्ना में मौजूद हीरा की भारत की सबसे बड़ी खदान है। जो की हीरा का बड़ा समूह विन्धाचल पर्वत श्रृंखला की एक शाखा पर उत्तर पूरब में २४० किलोमीटर तक है। पन्ना में स्थित मझगांव खदान से भारत में हीरा का एकमात्र संगठित उत्पाद है। भारत देश ३००० से अधिक वर्षो से हीरे का एकमात्र स्रोत हुआ करता था। तब ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में हीरा का भंडार मौजूद नहीं थे। पन्ना में स्थित खदानों से १७वी शताब्दी से लगातार खुदाई हो रही है। हीरे के खुदाई का कार्य राष्ट्रीय खनिज विकास निगम द्वारा किया जाता है।
भारत के सिर्फ मध्य प्रदेश राज्य में 90.18 % हीरे का भण्डारण है। सम्पूर्ण हीरे का उत्पादन भारत के मध्य प्रदेश राज्य से किया जाता है। दुनिया बार के सभी देशो के लिए उच्च कोटि के हीरा प्राप्त करने का एकमात्र स्थान भारत ही था।विशेषज्ञों के अनुसार मध्य प्रदेश के विन्धाचल पर्वत श्रृंखला से पन्ना जिले से सतना जिला तक हीरे का विशाल भण्डारण पट्टी मौजूद है। मझगांव हीरा खदान पन्ना जिला से २० किलोमीटर दूर दक्षिण दिशा में और खजुराहो से ६३ किलोमीटर दूर पर है।
यह स्थान पन्ना टाइगर रिजर्व के हिनौता प्रवेश द्वार के पास मौजूद है। हीरो की खुदाई का काम पन्ना टाइगर रिजर्व के निर्माण के पहले से ही यहाँ पर खुदाई हो रही है। हीरो के खुदाई का राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (ऍन ऍम डी सी) द्वारा किया जाता है। ऍन एम डी सी के हीरा खदान देश की इकलौती मैकेनाइज्ड हीरे की खदान है। राष्ट्रीय खनिज विकास निगम के अनुसार पन्ना में स्थित मझगांव खदान की वार्षिक क्षमता ८४००० कैरेट तक की है। ऍन एम डी सी के अनुसार इस खदान से अब तक कुल १०,०५,०६४ कैरेट हीरा निकाला जा चुका है।
मझगांव खदान में १०० टन मिट्टी की खुदाई करने पर १० कैरेट हीरा निकलता है। पन्ना जिला की हीरा की खदानों में कुछ प्राइवेट कम्पनियाँ भी खुदाई लगे हुए है। हीरा की खनन में सरकारी कम्पनियाँ बड़ी बड़ी मशीन के द्वारा किम्बरलाइट पाइप (पट्टी ) में मशीन से हीरे निकाला जाता है। मझगांव स्थित राष्ट्रीय खनिज विकास निगम द्वारा निकाला गया। सबसे बेशकीमती हीरा १ करोड़ रूपये या इससे अधिक का था। पन्ना जिले में हीरे के साथ साथ पत्थर तथा फायर क्ले भी भारी मात्रा में प्राप्त होती है।
पन्ना जिला में मौजूद प्राइवेट कम्पनी हीरा के खनन के लिए मजदूर पर ज्यादातर निर्भर होती है। जबकि सरकारी खनन कम्पनियाँ में भारी और बेहतर तकनीक की मशीन उपलब्थ है। ऍन एम डी सी इन खदानों को निजी कंपनियों को (८*८) फुट के ७०० प्लाट भी पट्टे पर देती है। इन छोटी छोटी खदानों में करीब ६००० से ७००० लोग काम करते है। सबसे अधिक हीरे की खदाने १८६० के दशक के समय थी। पन्ना से लगभग ३२ किलोमीटर (२० मील ) दूर सकारिया तक पाई गई थी।
पन्ना के खदाने से निकलने वाले हीरे चार प्रकार के होते है।
इन हीरो की खुदाई के लिए बड़े गड्ढे खोदे जाते है। जिनके व्यास २५ फ़ीट और ३० फ़ीट के गहराई के लगभग होते है।जो जमीन हीरे के खनन के लिए निजी कम्पनी या अन्य व्यक्ति या किसान कोई भी लीज पर जमीन लेकर खुदाई करता है।
उसके द्वारा निकले गए हीरा को पन्ना के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जमा करा लिया जाता है। फिर इन हीरा की नीलामी होती है। इन हीरो का उचित मूल्य लगाया जाता है। विभिन्न कैरेट और कलर के १०० से अधिक हीरे नीलाम किये जाते है।