Pandav Falls and Pandav Caves are located in Panna city of Madhya Pradesh. This place is a beautiful place located in the Panna Tiger Reserve forest area. This place is comprised of natural, historical and religious places. There is a beautiful waterfall here. The height of Pandav Falls is 30 meters. The view here is very picturesque during the rainy season. This area is very important from the point of view of biodiversity. Many medicinal plants are found here. Which is very important for human life.
Pandav Waterfalls The water in the spring comes from a tributary of the Ken river located in Madhya Pradesh. It is a perennial waterfall, the speed of the waterfall increases during the rainy season. The water of the Pandava Falls falls into a huge water tank located below, the shape of the water tank looks like a heart. Due to the clean water of the water tank, the fish are clearly visible. Pandav Falls is surrounded by lush green forests. The serenity of Pandav Cave and Pandav Falls, the purity and the picturesque atmosphere here attracts people towards it.
Pandava Cave:- There are steps to reach the water tank under the Pandava Falls. Along with the dense forest below, there is also a Pandava cave. The waterfalls and caves are reached through stairs. There are many Arjun trees present here, to get all the information here, you can keep a guide with you, Here guides take their own charge. There are many honeycombs on the Arjuna tree here. Bears climb these trees to eat these honey. Bear's nails are visible here on the trees.
Below the waterfall, there is another waterfall near the water tank. In which water drops drop by drop from the mountains even in summer, which gives a feeling of rain. People here, the water that keeps dripping from the mountains,
He fills it in a bottle and takes it with him. Where does it go that this water is full of medicinal properties. On visiting the Pandava Caves, the experience of ancient times, how the Pandavas used to reside here. The ancient Shivling and whatever idols the Pandavas used to worship here. They are stored above the caves
This place is naturally very beautiful. There is also a lot of movement of birds.
Popular Story:- About Pandava Cave When Pandavas were expelled from Hastinapur after being defeated in gambling. Then he used to reside here secretly here during the time of anonymity. He took shelter in a cave near this spring and you kept the weapons. After this incident, it was named Pandava Fall and Pandava Cave.
Important Contribution of Pandav Fall to the country's independence: - On September 4, 1929, Chandrashekhar Azad had a meeting with the revolutionaries at a place called Pandav Fall and Pandav Cave in Patra district, he considered Pandav as his ideal, so he made India the British rule. He decided to liberate it from India and founded the Hindustan Republican Army (HSRA) with Bhagat Singh. To get freedom from slave India for 90 years, awakened the spirit of freedom in the country.
There are other tourist places around Pandav Falls, such as Khajuraho where people from all over the world come to visit. Pandav Falls and Pandav Caves are located on Khajuraho Panna State Road.
How to reach:- By Air: - Nearby is Khajuraho Airport, which is about 15 kilometers from Pandav Falls.
Bus Route:- This place is situated at a distance of 13 kms from Panna city. And Khajuraho is at a distance of 31 km from the temple, you can also go here by taxi. Buses are available from Chhatarpur and Satna every 10 minutes.
Sufficient and different types of hotels will be found to stay here, from ordinary hotels to high class government and private hotels will be found in Panna district and Khajuraho. You can also go by National Highway 75. Pandava Cave and Pandava Waterfall is one of the most beautiful waterfalls in Panna.
Timings: The waterfall is open from 06:00 AM to 06:00 PM every day.
Entry Fee: An entry fee of INR 50 is charged per head and INR 200 per vehicle.
पांडव फॉल एवं पांडव गुफा मध्य प्रदेशके पन्ना शहर में स्थित है| यह स्थान पन्ना टाइगर रिजर्ब वन क्षेत्र में स्थित एक खूबसूरत जगह है | यह जगह प्राकृतिक ,ऐतिहासिक एवम धार्मिक स्थान का समावेश मौजूद है | यहाँ पर एक खूबसूरत जलप्रपात है | पांडव जलप्रपात ऊंचाई ३० मीटर है | बारिश के समय यहाँ का दृश्य बहुत ही मनोरम होता है| यह क्षेत्र जैव विविधताओं की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है| यहाँ पर बहुत औषधियो वाले पेड़ पौधे पाए जाते है| जो मानव जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है|
पांडव जलप्रताप मध्य प्रदेश में स्थित केन नदी की सहायक नदी से झरने में पानी आता है। यह एक बारहमासी झरना है, बारिश के समय झरने की गति तेज हो जाती है। पांडव जलप्रपात का पानी नीचे स्थित बहुत बड़ा जलकुंड में गिरता है , जलकुंड का आकार देखने में दिल के आकार का दिखता है। जलकुंड का पानी साफ सुथरा होंने के कारण मछलियाँ स्पष्ट दिखाई देती है। पांडव जलप्रपात हरे भरे घने जंगलो से घिरा हुआ है। पांडव गुफा और पांडव फॉल की शांति पवित्रता और यहाँ का मनोरम वातावरण लोगो को अपनी ओर आकर्षित करती है
पांडव गुफा :- पांडव जलप्रपात के नीचे जलकुंड तक पहुंचने के लिए सीढ़ियों बानी हुई है। यहाँ नीचे घने जंगल के साथ साथ पांडव गुफा भी मौजूद है। सीढ़ियों के द्वारा झरने और गुफाओ तक पहुंच जाते है। यहाँ पर अर्जुन के बहुत सारे पेड़ मौजूद है , यहाँ पर सभी जानकारी को पाने के लिए आप आपने साथ गाइड को रख सकते है, यहाँ पर गाइड अपना चार्ज लेते है। यहाँ लगे अर्जुन के पेड़ पर बहुत शहद के छत्ते लगे हुए है। इन शहद को खाने के लिए भालू इन पेड़ो पर चढ़ते है। भालू के नाखूनों के निशान यहाँ पेड़ो पर दिखने को मिल जाता है झरने के नीचे जलकुंड के पास ही नीचे एक और भी झरना मौजूद है। जिसमे गर्मी में भी पहाड़ो से पानी बून्द बून्द गिरता है, जो बारिश का अहसास दिलाता है। लोग यहाँ पर जो पानी पहाड़ो से टपकता रहता है,
उसको बोतल में भरकर अपने साथ लेकर जाते है। कहां जाता है की यह पानी औषधीय गुणों से भरपूर है। पांडव गुफाये में जाने पर प्राचीन समय का अनुभव , कैसे यहाँ पर पांडव निवास करते थे। पांडव यहाँ जिन प्राचीन शिवलिंग और जो भी मूर्तियों का पूजा करते थे। उन्हें गुफाओ के ऊपर संगृहीत किया गया है। यह जगह प्राकृतिक रूप से बहुत ही खूबसूरत है। पंछियो की भी बहुत चहल पहल रहती है।
प्रचलित कहानी :-पांडव गुफा के बारे में जब जुए में हरने के बाद पांडव को हस्तिनापुर से निकाल दिया गया था। तब वे अज्ञातवाश के समय यहाँ गुप्त रूप से यहाँ निवास करते थे। इसी झरने के पास एक गुफा में उन्होंने शरण ली और आपने हथियार रख्खे थे। इसी घटना के बाद इसका नाम पांडव फॉल व् पांडव गुफा पड़ा था।
पांडव फॉल का देश की आजादी से महत्त्वपूर्ण योगदान :-४ सितम्बर १९२९ को पत्रा जिले के पांडव फॉल व् पांडव गुफा नामक स्थान पर चंद्रशेखर आजाद ने क्रांतिकारियों के साथ बैठक किया था ,वो पांडव को आपने आदर्श मानते थे इसलिए उन्होंने भारत को अंग्रेजो की हुकूमत से आजाद करने का निर्णय लिया और भगत सिंह के साथ मिलकर हिंदुस्तान रिपब्लिकन आर्मी (एच एस आर ए) की स्थापना की थी। ९० वर्षो से गुलाम भारत देश आजादी दिलाने के लिए, देश में आजादी की अलख जगाई।
पांडव फॉल के आसपास अन्य पर्यटक स्थल मौजूद है ,जैसे की खजुराहो जहां पूरी दुनिया भर से लोग घूमने के लिए आते है। पांडव फॉल व् पांडव गुफा खजुराहो पन्ना राज्य मार्ग पर मौजूद है।
कैसे पहुंचे :- हवाई मार्ग :-नजदीकी खजुराहो एयरपोर्ट है जो की पांडव फॉल से लगभग १५ किलोमीटर की दुरी पर है।
बस मार्ग :- यह स्थान पन्ना शहर से 13 किलोमीटर की दुरी पर मौजूद है। और खजुराहो मंदिर से ३१ किलोमीटर दुरी पर है, यहाँ टैक्सी से भी जा सकते है। छतरपुर और सतना से हर १० मिनट में बस मिलती है।
यहाँ रुकने के लिए पर्याप्त और अलग तरह के होटल मिल जायेंगे ,जैसे साधारण होटल से उच्च वर्ग के सरकारी और प्राइवेट होटल पन्ना जिले और खजुराहो में मिल जायेंगे। राष्टीय राजमार्ग ७५ से भी आप जा सकते है। पांडव गुफा व् पांडव वॉटरफॉल पन्ना का सबसे खूबसूरत झरनो में से एक है।
Shaded in the Panna district of Madhya Pradesh, the Pandav Falls grace the banks of Ken River and reign at a height of around 30 meters. Named after the Pandava brothers from the Indian Epic Mahabharata who are believed to have been there, the area is loaded with natural gems.