वैष्णो माता मन्दिर शाहनगर तहसील के सुंगरहा नामक गांव के पास माता का ऊँची पहाडी पर भव्य मंदिर है। आप वैष्णो माता मन्दिर का दर्शन करने चाहते है तो आपको मंदिर के प्रवेश द्वार से 1 किलोमीटर तक का पैदल रास्ता है, पैदल रास्ते के चारो तरफ घने जंगल है।
जो सफर को रोमांच से भर देते है यह एक बेहतर पिकनिक स्पॉट भी है। माता वैष्णो मन्दिर के दर्शन करने के लिए लगभग 500 सीढ़िया चढ़नी पडती है। पैदल रास्ता तय करने के बाद कुछ सीढ़ियो की चढाई, फिर ढलान वाला पथरीला रास्ता है जहां आपको थोडी सबनिय से चलना होगा।
पूरा सफर आपको मे घने और शान्त जंगल से होकर गुजरना होगा, दलान वाला रास्ते के बाद सीदियो की ऊँची चढाई है, चढाई समाप्त करके उपर पहुंचने के बाद नीचे का नज़ारा देखते ही बनता है। पूरे घने जंगलो से घरी पहाडी के 'उपर से नीचे देखने पर बहुत सुन्दर प्राकृतिक नजारा दिखता है ।
पहाड़ी के पास मे बहुत बड़ा तालाब है जो कि पहाडी से देखने पर किसी झील जैसा लगता है। यहां पर आप तरह-2 के फोटो भी खिचवा सकते है
पहाड़ी से नीचे दूर- दूर तक देखने पर आपको, धुंध जैसा लगता और आसपास के जंगल खेत और घर बहुत छोटे नजर आते है। माता वैष्णो देवी मंदिर की पहाड़ी अद्भुत प्राकृतिक सुन्दरता से परिपूर्ण है।
पहाड़ी के उपर आपको दानी बाबा मंदिर, सिद्धबाबा मंदिर, काली माता मंदिर, हनुमान जी का मंदिर और माँ वैष्णो देवी मंदिर, और भैरव बाबा का भी मंदिर है। मंदिर परिसर मे बिजली और पानी की अच्छी व्यवस्था है। माता को चढ़ाने के लिए आपको यहां फूल मिल जाता है। जबकि प्रसाद हमे मंदिर के द्वार से पहले हो की किसी दूकान से लेना पड़ता है वैष्णो माता के मंदिर मे लोगो की मन्नते पूरी होती है, यहां मंदिर, के द्वार पर और आसपास के पेड़ो पर मन्नत की चुनरी बन्धी हुई दिख जाती है।
वैष्णो माता मन्दिर शाहनगर तहसील से 8 किलोमीटर, करोंदिया गांव 2.5 किलोमीटर, पुरैना गांव 3 किलोमीटर, कटनी जिले से 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
वैष्णो माता मन्दिर मे नवरात्र के समय बहुत भीड़भाड़ रहती है आसपास का नजारा मेले जैसा होता है। यहां हर साल नव वर्ष पर कई दिनो के लिए विशाल मेले का आयोजन किया जाता है।